अंधा, कुबड़ा और विकृत शरीर - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Andha, Kubda aur Vikrat Sharir - Panchtantra - Vishnu Sharma by विष्णु शर्मा

अंधा, कुबड़ा और विकृत शरीर - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Andha, Kubda aur Vikrat Sharir - Panchtantra - Vishnu Sharma

अंधा, कुबड़ा और विकृत शरीर

उत्तरी प्रदेश में मधुपुर नाम का एक नगर है। वहाँ मधुसेन नाम का एक राजा था। विषय सुख भोगने वाले उस राजा मधुसेन के घर एक तीन स्तनों वाली कन्या ने जन्म लिया। तीन स्तनों वाली कन्या की उत्पत्ति सुनकर राजा ने कंचुकियों से कहा- “भाई! यह त्रिस्तनी कन्या को दूर जंगल में ले जाकर छोड़ दो कोई जानने भी न पाये।” यह सुनकर कंचुकियों ने कहा- “महाराज! यह तो मालूम है ही कि तीन स्तनों वाली कन्या अनिष्ट करने वाली होती है, फिर भी ब्राह्मण बुलाकर उससे पूछ लेना चाहिए, जिससे दोनों लोक बने रहें; क्योंकि मनुष्य को सदा जिज्ञासु रहना चाहिये; और प्रश्न पूछते रहना चाहिये। एक बार राक्षसेन्द्र के पंजे में पड़ा हुआ ब्राह्मण केवल प्रश्न के बल पर छूट गया था। प्रश्न की बड़ी महिमा है।
राजा ने पूछा- “यह कैसे?”
तब दरबारियों ने निम्न कथा सुनाई-