कहानी
मेंढक और चूहे की कहानी | Mendhak aur chuhe ki kahani
बहुत समय पहले की बात है, किसी घने जंगल में एक छोटा-सा जलाशय था। उसमें एक मेंढक रहा करता था। उसे एक दोस्त की तलाश थी। एक दिन उसी जलाशय के पास के एक
आकाश
लालची कुत्ते की कहानी | Lalchi kutte ki kahani
एक गांव में एक लालची कुत्ता रहता था। वह गांव में घूम-घूमकर खाने की तलाश करता था। वह इतना लालची था कि उसे जितना भी खाने के लिए मिलता था, उसे कम ही लगता था।
लकड़हारा और लोमड़ी | Lakadhara aur lomdi
एक लोमड़ी के पीछे शिकारी पड़े थे। लोमड़ी भागते-भागते एक लकड़हारे के पास पहुँची और उससे शरण माँगने लगी। लकड़हारे ने अपनी झोपड़ी की ओर इशारा करते हुए लोमड़ी से
लड़ने वाले मुर्गे और बाज | Ladne vale murge aur baaj
कुछ समय पहले की बात है। दो मुर्गे एक कूड़े के ढेर पर लड़ रहे थे । दोनों पूरी शक्ति से एक-दूसरे पर आक्रमण कर रहे थे। लड़ाई में जीतने वाला ही उस ढेर का राजा
कुत्ता चला विदेश | Kutta chala videsh
एक नगर में चित्रांगन नामक एक होशियार कुत्ता रहता था। एक साल उस नगर में भयानक अकाल पड़ा। चित्रांगन को खाने के लाले पड़ गए। परेशान होकर वह कहीं दूर के नगर में
किसान और लोमड़ी | Kisan aur lomdi
एक लोमड़ी थी, जो एक किसान को बहुत परेशान किया करती थी। वह किसान के मुर्गीबाड़े में घुसकर हमेशा उसके मुर्गे-मुर्गियाँ खा जाया करती थी। किसान उस लोमड़ी से बहुत तंग
खट्टे अंगूर | Khatte angoor
किसी वन में एक भूखी लोमड़ी खाने की तलाश में इधर-उधर भटक रही थी। बहुत दिनों से भूखी होने के कारण उसको भोजन की बहुत जरूरत थी। वह इधर-उधर भटकते हुए वन
केकड़ा और उसकी माँ | Kekda aur uski maa
एक दिन केकड़े की माँ उसे लेकर समुद्र तट पर घूमने गई। जब वे चल रहे थे, तो माँ ने कहा, “अरे, बेटा, तुम चलते समय अपने पैर अंदर की ओर क्यों मोड़ लेते हो?” केकड़े
कपटी बाज | Kapti baj
एक बाज एक पेड़ की डाली पर अपना घोंसला बनाकर अपने बच्चों के साथ रहता था। उसी पेड़ की खोह में एक लोमड़ी भी अपने बच्चों के साथ रहती थी। एक दिन, जब लोमड़ी अपनी खोह
कौआ चला मोर बनने | Koaa chala mor banne
एक कौए ने बहुत सारे मोर पंख इकट्ठे किए और उन्हें अपने तन पर लगा लिया। उसे अपना नया रूप बहुत अच्छा लगा और उसने निश्चय किया कि अब वह कौओं के साथ नहीं,बल्कि
कछुए ने बचाई अपनी जान | Kachhue ne bachi apni jaan
एक राजा ने अपने छोटे उस तालाब में कुछ बच्चों के लिए एक तालाब बनवाया। उसने अपने सिपाहियों से मछलियाँ डालने को भी कह दिया। संयोग से उन मछलियों के साथ एक
झूठा दोस्त | Jhutha dost
एक हिरन और एक कौआ पक्के दोस्त थे। एक दिन कौए ने हिरण को एक सियार के साथ देखा। सियार बहुत चालाक जानवर माना जाता है। कौए ने अपने दोस्त हिरन को समझाया कि सियार पर
जंगली सुअर और लोमड़ी | Jangli suar aur lomdi
एक जंगली सुअर एक पेड़ के तने से घिस-घिसकर अपने दाँत नुकीले कर रहा था। एक लोमड़ी ने उसे देखा तो सोचने लगी कि जब इसके सामने लड़ने के लिए कोई है ही नहीं,
जादुई मुर्गी | Jadui murga
एक दिन, एक निर्धन व्यक्ति एक किसान के पास गया और एक मुर्गी के बदले उससे एक बोरी चावल ले आया। किसान की पत्नी को जब पता चला कि उसके पति ने एक साधारण मुर्गी के
हवा और चंद्रमा | Hava aur chandrma
एक शेर और एक बाघ अच्छे दोस्त थे और साथ में रहते थे। पास में ही एक साधु रहता था। एक दिन, बाघ बोला, “जब चंद्रमा छोटा होता जाता है, तो सर्दियाँ आने लगती हैं।"
हाथ की चिड़िया | Hath ki chidiya
एक जंगल में एक शेर रहता था। एक दिन शेर को एक पेड़ के पास एक छोटा-सा खरगोश दिखाई दिया। शेर उसे पकड़ने के लिए गया और उस पर छलाँग मारने ही वाला था कि खरगोश
हौद में पड़ा कुत्ता | Haod me pada kutta
एक बाड़े में एक कुत्ता रहता था। वह हमेशा घोड़ों का चारा रखने की हौद में मुलायम सूखी घास पर सोता रहता था। वैसे कुत्ते का भोजन तो बाड़े के बाहर अहाते में रखा जाता था
लड़ते बकरे और सियार | Ladte bakre aur siyar
एक दिन एक सियार किसी गाँव से गुजर रहा था। उसने गाँव के बाजार के पास लोगों की एक भीड़ देखी। कौतूहलवश वह सियार भीड़ के पास यह देखने गया कि क्या हो रहा है। सियार
मूर्ख साधू और ठग | Moorakh sadhu aur thag
एक बार की बात है, किसी गाँव के मंदिर में देव शर्मा नाम का एक प्रतिष्ठित साधू रहता था। गांव में सभी लोग उनका सम्मान करते थे। उसे अपने भक्तों से दान में तरह-
आरती
ब्रम्चारिणी माँ की आरती | Bramcharini maa ki aarti
जय ब्रम्चारिणी माँ, मैया जय ब्रम्चारिणी माँ । अपने भक्त जानो पर, करती सदा दया ।। (जय ………..)
चंद्रघंटा माँ की आरती | Chandraghanta maa ki aarti
जय चंद्रघंटा माता, मैया जय चंद्रघंटा माता ।। अपने सेवक जन की, अपने सेवक जन की । शुभ फल की दाता, जय चंद्रघंटा माता ।।
कालरात्रि माँ की आरती | Kaalratri maa ki aarti
कालरात्रि माता, जय कालरात्रि माता । धन वैभव सम्पत्ति, की तुम ही दाता ।। (जय………..)
कात्यायनी माँ की आरती | Katyayni maa ki aarti
जय कात्यायनी माता, जय कात्यायनी माता । सुख सृष्टि में पाये, जो तुमको ध्याता ।। (जय………..)
कुष्मांडा माँ की आरती | Kushmanda maa ki aarti
माँ आरती तेरी गाते, मैया आरती तेरी गाते । कुष्मांडा महामाया,हम तुमको ध्याते ।। (मैया ………..)
महागौरी माँ की आरती | Mahahaori maa ki aarti
महागौरी दया कीजे, जगजननी दया कीजे । उमा रमा ब्रह्माणी, अपनी शरण लीजे ।। (महागौरी………..)
शैलपुत्री माँ की आरती | Shailputri maa ki aarti
जय शैलपुत्री माता, मैया जय शैलपुत्री माता । रूप अलौकिक पावन, शुभ फल की दाता ।। (जय ………..)
सिद्धिदात्री माँ की आरती | Siddhidarti maa ki aarti
जय सिद्धिदात्री, ओम जय सिद्धिदात्री । सर्व सुखो की जननी, रिद्धि सिद्धिदात्री ।। (ओम………..)
स्कंदमाता की आरती | Skandmata ki aarti
जय स्कन्द माता, ॐ जय स्कन्द माता । शक्ति भक्ति प्रदायिनी, सब सुख की दाता ।। (ॐ जय………..) कार्तिकेय की हो माता, शंभू की शक्ति । भक्तजनों को मैया, देना निज भक्ति ।। (ॐ जय………..)