
आखिर कैसे मिला भीम को 10 हजार हाथियों का बल । aakhir kese mila bhem ko 10,000 hathiyo ka bal ।।
महाभारत में भीम का नाम सबसे शक्तिशाली योद्धाओं में शामिल किया जाता है। भीम के बारे में कहा जाता है कि भीम में इतना बल था कि एक साथ कई योद्धाओं को परास्त कर सकता था। वहीं, महाभारत की कथा अनुसार यह भी कहा जाता हे कि भीम में 10 हज़ार हाथियों का बल था।
कैसे मिला इतना बल?
बचपन में पांडव और कौरवों के साथ खेल रहे थे, दुर्योधन ने पाडंवों को मारने की योजना बनायी। उसने गंगा किनारे उदकक्रीडन नाम को एक शुपिल लगाय। भीम दुर्योधन सहीत कौरवों के साथ खेल रहे थे। मौका मिलते ही दुर्योधन ने भीम के खानें में विष मिला दिया। विष खाने के बाद भीम मूर्छित हो गए। तब दुर्योधन ने दुशासन के साथ मिलकर उन्हें गंगा नदी में फेंक दिया।
भीम और वासुकी कि मुलाकात
भीम मूर्छित अवस्था में पानी के मार्ग से नागलोक पहंच गए। वहां उन्होनें भयंकर सापों का सामना किया। सापों नें भीम को खूब डसा, जिससे कि उन पर विष का प्रभाव कम होने लगा, और होश में आने पर सांपों को मारना शुरु कर दिया। भीम के डरकर सांप नागराज वासुकि के पास गए और उन्हें सारी बात बताई। भीम बचपन से ही बलवान थ लेकिन इतने सांपो के द्वारा डसे जाने के बाद उनका शरीर कमजोर पड़ने लगा।
8 कुंडों का पानी पीने से भीम के मिला हजारों हाथियों का बल।
नागराज वासुकि, आर्यक नाग के भीम के पास गए। आर्यक नाग, भीम के नाना के नाना थे। उन्होंने भीम को नागलोक ले जाकर, नागराज वासुकि से भीम को शक्तिशाली रस पिलाने अनुमति मांगी। नागराज ने अनुमति दी। भीम के 8 कुंडों का रस पिया। इससे उनमें बहुत ताकत आ गई और वे दिव्य शय्या पर सो गए। संक्षेप में भीम को उनके पूर्वज आर्यक नाग के नागलोक से शक्ति प्रदान की।
भीम 8 दिनों तक नागलोक में सोते रहे।
भी नागलोक में 8 दिन तक सोए रहे। जब वे जागे तो उनमें 10 हजार हाथियों की शक्ति आ गई। इसके बाद वे हस्तिनापुर गए। उन्होंने अपनी माँ कुंती और भाइयों को बताया कि दुर्योधन ने उन्हें विष देकर गंगा में फेंक दिया था। उन्होंने नागलोक की सारी बातें भी बताई। युधिष्ठर ने भीम को यह बात किसी को भी बताने से मना किया।