हौद में पड़ा कुत्ता | Haod me pada kutta by आकाश

हौद में पड़ा कुत्ता | Haod me pada kutta

हौद में पड़ा कुत्ता

एक बाड़े में एक कुत्ता रहता था। वह हमेशा घोड़ों का चारा रखने की हौद में मुलायम सूखी घास पर सोता रहता था।
वैसे कुत्ते का भोजन तो बाड़े के बाहर अहाते में रखा जाता था लेकिन स्वार्थी कुत्ता उसी हौद में पड़ा रहता था। इतना ही नहीं, जब घोड़े खाना खाने आते, तो वह उन पर भौंकने भी लगता।
बेचारे घोड़े अपना खाना तक नहीं खा पाते थे! वे कुत्ते को बताते कि किसान ने अहाते में उसके लिए हड्डियाँ रखी है, लेकिन कुत्ता हौद से बाहर निकलने को तैयार ही नहीं होता था।
कितना स्वार्थी कुत्ता है! घोड़ों ने आपस में कहा। वह जानता है कि वह घास नहीं खा सकता लेकिन वह तो हमें भी कुछ खाने नहीं देता।
वह हमें तो परेशानी में डालता ही है, वह खुद भी परेशानी में पड़ेगा।