
वोटरकार्ड का आधार से लिंकअप । voter card ka aadhar card se linkup
वोटर लिस्ट में हेरफेर के आरोंपों के बीच मतदाता पहचान पत्र के आधार से लिंक करने की तैयारी शुरु हो गई है। मुख्य चुनाव आयक्त ज्ञानेश कुमार इस मुद्दे पर मंगलवार को केंद्रीय गृह सचिव, विधायी सचिव और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साध चर्चा करेंगे। हाल ही में डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र के मुद्दे पर संसद में हो रहे हंगामे को लेकर यह कदम लिया जा रहा है। संसद के अंदर और बाहर जिस डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र (ईपीआइसी) के नंबरों को लेकर बहुत बवाल हो रहा है। साथ ही राजनीतिक दल इसके ज़रिए चुनाव आयोग की वैधता पर ही सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी नें भी यह मुद्दा उठाया था। बीते शुक्रवार को चुनाव आयोग ने कहा था कि वह दशकों पुरानी डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र (ईपीआइसी) नंबरों की समस्या को अगले तीन महीने में हल कर लेगा।
ज्ञात रहे कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23, जिसे चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 कहा जाता है, जिसके मुताबिक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी मौजूदा या भावी मतदातोओं से स्वैच्छिक आधार पर पहचान स्थापित करने के लिए आधार संख्या प्रदान करने की मांग कर सकते हैं। यह कानून मतदाता सूची को आधार डाटाबेस के साथ स्वैच्छिक रुप से जोड़ने की अनुमति देता है। सरकार ने भी इस मुद्दे पर कहा है कि आधार-वोटर कार्ड सीडिंग अभ्यास प्रक्रिया संचालित है और प्रतावित लिकिंग के लिए कोई लक्ष्य या समयसीमा निर्धारित नहीं कि गई है। इसके अलावा जो लोग अपने आधार विवरण को मतदाता सूची से नहीं जोड़ते हैं, उनके नाम मतदाता सूची से नहीं काटे जायेंगे। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी टीएमसी ने कई राज्यों में डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र नंबरों को मुद्दा उठाया और चुनाव आयोग पर कवर-अप का आरोप भी लगाया है।