आरती
आरती श्री रामायण जी की | Aarti Shri Ramayan ji ki
आरती श्री रामायण जी की। कीरति कलित ललित सिय पी की ।। गावत ब्रहमादिक मुनि नारद । बाल्मीकि बिग्यान बिसारद ।। शुक सनकादिक शेष अरु शारद । बरनि पवनसुत कीरति नीकी ।।
विकास
अहोई माता की आरती | Ahoi mata ki aarti
जय अहोई माता, मैया जय अहोई माता । तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता ।। (मैया…………)
बाबा बालक नाथ की आरती | Baba Balak Nath ki aarti
ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे, भक्त जनों की नैया । दस जनों की नैया, भव से पार करे ।। (ॐ जय…………)
शिव जी की आरती | Shiv ji ki aarti
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा, विष्णु सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ।। (ॐ जय…………)..............
भैरव जी की आरती | Bhairav ji ki aarti
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा । जय काली और गौरा देवी कृत सेवा ।। (जय भैरव देवा………) तुम्ही पाप उद्धारक, दुःख सिंधु तारक । भक्तों के सुख कारक, विषन बपुधारक ।।
श्री ब्रह्मा जी की आरती | Shri Brahma ji ki aarti
पितु मातु सहायक स्वामी सखा , तुम ही एक नाथ हमारे हो। जिनके कुछ और आधार नहीं , तिनके तुम ही रखवारे हो ।
चामुंडा माँ की आरती | Chamunda maa ki aarti
जय चामुंडा माता, मैया जय चामुंडा माता । शरण आए जो तेरे, सब कुछ पा जाता ।। चंड मुंड दो राक्षस, हुए हैं बलशाली । उनको तूने मारा, क्रोध द्रष्टि डाली ।। (जय…………)
दुर्गा माँ की आरती | Durha maa ki aarti
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री ।। (जय…………)
एकादशी की आरती | Ekadashi ki aarti
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता । विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। (ॐ जय………) तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी । गण गौरव की देनी माता,
गणेश जी की आरती | Ganesh ji ki aarti
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ (जय गणेश…………) एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ (जय गणेश…………)
गणेश वंदना | Ganesh vandana
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची, नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची । सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची, कंठी झलके माल मुकताफळांची ।। जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
गंगा मां की आरती | Ganga maa ki aarti
हर हर गंगे, जय माँ गंगे, हर हर गंगे, जय माँ गंगे ।। ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता । जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ।। (ॐ जय…………) चंद्र सी जोत तुम्हारी,
गायत्री मां की आरती | Gayatri maa ki aarti
जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता । सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ।। (जय………) आदि शक्ति तुम अलख निरञ्जन, जग पालन कर्त्री । दुःख, शोक, भय, क्लेश, कलह दारिद्रय
हनुमान अष्टक | Hanuman Ashtak
बाल समय रवि भक्षि लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों । ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो । देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो । को नहीं जानत है जग में कपि
जगदम्बा मां की आरती | Jagdamba maa ki aarti
आरती कीजै शैल – सुता की ।। जगदम्बा की आरती कीजै, सनेह-सुधा, सुख सुन्दर लीजै, जीने नाम लेत दृग भीजै, ऐसी वह माता वसुधा की ।। आरती कीजै शैल – सुता की ।।
काली माँ की आरती | Kaali maa Ki Aarti
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े । पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेट करे ।। सुन जगदम्बा न कर विलम्बा, संतन के भडांर भरे ।
गौ माता - कामधेनू की आरती | Gao mata - Kaamdhenu ki aarti
आरती श्री गैय्या मैंय्या की, आरती हरनि विश्व धैय्या की ।। अर्थकाम सुद्धर्म प्रदायिनि, अविचल अमल मुक्तिपददायिनि, सुर मानव सौभाग्यविधायिनि, प्यारी पूज्य नंद
काली माता की आरती | Kali mata ki aarti
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली । तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।। तेरे भक्त जनोंपे मैया, भीर पड़ी है भारी । दानव दल पर
माँ अन्नपूर्णा की आरती | Maa Annpurna ki aarti
आरती देवी अन्नपूर्णा जी की, बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावै तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत
पार्वती जी की आरती | Parvati ji ki aarti
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता । ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता ।। (जय…………)
माँ विन्ध्येश्वरी जी की आरती | Maa vindheshvari ji ki aarti
जय जय जय श्री बगला माता । आदिशक्ति सब जग की त्राता ।। बगला सम तब आनन माता । एहि ते भयउ नाम विख्याता।। शशि ललाट कुण्डल छवि न्यारी ।
लक्ष्मी जी की आरती | Lakshmi ji ki aarti
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ (ॐ जय………)
माँ सरस्वती जी की आरती | Maa sarsvati ji ki aarti
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता । सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ।। (ॐ जय ………) चन्द्रबदनि पद्मासिनि, कृति मंगलकारी । सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेज धारी ।।
ॐ जय जगदीश हरे - विष्णु भगवान की आरती | Ohm jai jagdish hare - Vishnu bhagvan ki aarti
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ (ॐ…………….) जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का । सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे
पितर जी की आरती | Pitar ji ki aarti
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी । शरण पड़यो हूँ थारी बाबा, शरण पड़यो हूँ थारी ।। (जय …………) आप ही रक्षक आप ही दाता, आप ही खेवनहारे । मैं मूरख हूँ कछु
राधा रानी की आरती | Radha rani ki aarti
आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की । त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि । पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता
संतोषी माँ की आरती | Santoshi maa ki aarti
ॐ जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता । अपने सेवक जन को, सुख सम्पत्ति दाता ।। (ॐ जय…………)
सरस्वती वंदना | Sarasvati vandna
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना । या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभि र्देवैः सदा वन्दिता,
श्री शारदा माँ की आरती | Shri Mharda maa ki aarti
भुवन विराजी शारदा, महिमा अपरम्पार । भक्तों के कल्याण को, धरो मात अवतार ॥ मैया शारदा तोरे दरबार, आरती नित गाऊँ । नित गाऊँ मैया नित गाऊँ ।। (मैया शारदा………)
शीतला माँ की आरती | Sheetla maa ki aarti
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता । आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता ।। (ॐ जय………) रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भाता ।