कालरात्रि माँ की आरती | Kaalratri maa ki aarti by आकाश

कालरात्रि माँ की आरती | Kaalratri maa ki aarti

।। कालरात्रि माँ की आरती ।।

कालरात्रि माता, जय कालरात्रि माता ।
धन वैभव सम्पत्ति, की तुम ही दाता ।। (जय………..)
रूप भयंकर तेरा, शक्ति महामाई ।
छवि लखते ही तुम्हारी, काल भी डर जाई ।। (जय………..)
भूत प्रेत और दानव, निकट नहीं आते ।
खड़ग कटार के आगे, शत्रु ना टिक पाते ।।
गरधव वाहिनी मैया, कृपा थोड़ी कीजो ।
निर्बल को माँ शक्ति, अपनी शरण दीजो ।। (जय………..)
नौ दुर्गो में भवानी, सातवाँ तेरा स्थान ।
महामाया महाकाली, शक्ति तेरी महान ।। (जय………..)
सातवें नवरात्रे को, पूजी तुम जाती ।
मनवांछित फल देती, तुम सबको दाती ।। (जय………..)
हे प्रचंड ज्वालामयी, हमपे द्या करना ।
जानके सेवक अपना, दुःख विपदा हरना ।। (जय………..)
चिंता हरना दाती, काल करे ना वार ।
विनती इनती सी माँ, कर लेना स्वीकार ।। (जय………..)
लेकर आस शरण में, तेरी हम आये ।
सुना है खाली दर से, ना तेरे कोई जाये ।। (जय………..)