चंद्रघंटा माँ की आरती | Chandraghanta maa ki aarti by आकाश

चंद्रघंटा माँ की आरती | Chandraghanta maa ki aarti

।। चंद्रघंटा माँ की आरती ।।

जय चंद्रघंटा माता, मैया जय चंद्रघंटा माता ।।
अपने सेवक जन की, अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता, जय चंद्रघंटा माता ।।
नवरात्री के तीसरे दिन, चंद्रघंटा माँ का ध्यान ।
मस्तक पर है अर्ध चंद्र, मंद मंद मुस्कान ।। (जय ………..)
अस्त्र शस्त्र है हाथो में, और खडग संग बाण ।
घंटे की शक्ति से, हरती दुष्टो के प्राण ।। (जय ………..)
सिंह वाहिनी दुर्गा, चमके स्वर्ण शरीर ।
करती विपदा शांति, हरे भक्त की पीर ।। (जय ………..)
मधुर वाणी को बोलकर, सबको देती ज्ञान ।
जितने देवी देवता, सभी करे सम्मान ।। (जय ………..)
अपने शांत स्वभाव से, सबका रखती ध्यान ।
भव सागर में फसा हूँ, करो माता कल्याण ।। (जय ………..)
अपने सेवक जन की, अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता, जय चंद्रघंटा माता ।।