कुष्मांडा माँ की आरती | Kushmanda maa ki aarti by आकाश

कुष्मांडा माँ की आरती | Kushmanda maa ki aarti

।। कुष्मांडा माँ की आरती ।।

माँ आरती तेरी गाते, मैया आरती तेरी गाते ।
कुष्मांडा महामाया,हम तुमको ध्याते ।। (मैया ………..)
हे जगदम्बे दयामयी, आदि स्वरूपा माँ ।
देव ऋषि मुनि ज्ञानी, गुण तेरे गाते ।। (मैया ………..)
कर ब्रहानन्द की रचना, कुष्मांडा कहलायी ।
वेद पुराण भवानी, सब यही बतलाते ।। (मैया ………..)
सूर्य लोक निवाशिनी, तुमको कोठी प्रणाम ।
सम्मुख तेरे पाप और, दोष ना टिक पाते ।। (मैया ………..)
अष्ट भुजे महाशक्ति, सिंह वाहिनी है तू ।
भाव सिंधु से तारते, दर्शन जो पाते ।। (मैया ………..)
अष्ट सिद्दियों नो निधियो, हाथ तेरे माता ।
पा जाते है सहज ही, जो तुमको ध्याते ।। (मैया ………..)
सस्त्र विधि से विधिवत, जो पूजन करते ।
आदि शक्ति जगजननी, तेरी दया पाते ।। (मैया ………..)
नवदुर्गो में मैया, चौथा स्थान तेरा ।
चौथे नवरात्रे को, भक्त तुझे ध्याते ।। (मैया ………..)
आधी व्याधि सब हरके, सुख समृद्धि दो ।
हे जगदम्बे भवानी, इतनी दया चाहते ।। (मैया ………..)
कुष्मांडा जी की आरती, जो कोई गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे ।। (मैया ………..)
माँ आरती तेरी गाते, मैया आरती तेरी गाते ।
कुष्मांडा महामाया, हम तुमको ध्याते ।। (मैया ………..)