भाग-12 - गोदान - मुंशी प्रेमचंद | bhag-12 - godan - munshi premchand
रात को गोबर झुनिया के साथ चला, तो ऐसा काँप रहा था, जैसे उसकी नाक कटी हुई हो । झुनिया को देखते ही सारे गाँव में कुहराम मच जायेगा, लोग चारों ओर से कैसी हाय-हाय मचायेंगे, धनिया कितनी गालियाँ