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कहानी

सुहाग की साड़ी - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | suhag ki saree - maansarovar 7 - munshi premchand

यह कहना भूल है कि दाम्पत्य-सुख के लिए स्त्री-पुरुष के स्वभाव में मेल होना आवश्यक है। श्रीमती गौरा और श्रीमान् कुँवर रतनसिंह में कोई बात न मिलती थी। गौरा उदार थी, रतनसिंह कौड़ी-कौड़ी को दाँतों से

मुंशी प्रेमचंद मुंशी प्रेमचंद

मुंशी प्रेमचंद

2023-07-04

कहानी

प्रारब्ध - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | prarabdh - maansarovar 7 - munshi premchand

लाला जीवनदास को मृत्युशय्या पर पड़े 6 मास हो गए हैं। अवस्था दिनोंदिन शोचनीय होती जाती है। चिकित्सा पर उन्हें अब जरा भी विश्वास नहीं रहा। केवल प्रारब्ध का ही भरोसा है। कोई हितैषी वैद्य या डॉक्टर

मुंशी प्रेमचंद मुंशी प्रेमचंद

मुंशी प्रेमचंद

2023-07-04

कहानी

शान्ति-2 - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | shanti-2 - maansarovar 7 - munshi premchand

जब मैं ससुराल आई, तो बिलकुल फूहड़ थी। न पहनने-ओढ़ने को सलीका , न बातचीत करने का ढंग। सिर उठाकर किसी से बातचीत न कर सकती थीं। आँखें अपने आप झपक जाती थीं। किसी के सामने जाते शर्म आती, स्त्रियों

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मुंशी प्रेमचंद

2023-07-04

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नाग पूजा - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | naag pooja - maansarovar 7 - munshi premchand

प्रातःकाल था। आषाढ़ का पहला दौंगड़ा निकल गया था। कीट-पतंग चारों तरफ रेंगते दिखाई देते थे। तिलोत्तमा ने वाटिका की ओर देखा तो वृक्ष और पौधे ऐसे निखर गये थे जैसे साबुन से मैले कपड़े निखर

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मुंशी प्रेमचंद

2023-07-03

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महातीर्थ - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | mahateerth - maansarovar 7 - munshi premchand

मुंशी इंद्रमणि की आमदनी कम थी और खर्च ज्यादा। अपने बच्चे के लिए दाई का खर्च न उठा सकते थे। लेकिन एक तो बच्चे की सेवा-शुश्रूषा की फ़िक्र और दूसरे अपने बराबर वालों से हेठे बन कर रहने का अपमान

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मुंशी प्रेमचंद

2023-07-03

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लोकमत का सम्मान - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | lokmat ka samman - maansarovar 7 - munshi premchand

बेचू धोबी को अपने गाँव और घर से उतना ही प्रेम था, जितना प्रत्येक मनुष्य को होता है। उसे रूखी-सूखी और आधे पेट खाकर भी अपना गाँव समग्र संसार से प्यारा था। यदि उसे वृद्धा किसान स्त्रियों की गालियाँ

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मुंशी प्रेमचंद

2023-07-03

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दो भाई - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | do bhai - maansarovar 7 - munshi premchand

प्रातःकाल सूर्य की सुहावनी सुनहरी धूप में कलावती दोनों बेटों को जाँघों पर बैठा दूध और रोटी खिलाती। केदार बड़ा था, माधव छोटा। दोनों मुँह में कौर लिये, कई पग उछल-कूद कर फिर जाँघों

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मुंशी प्रेमचंद

2023-07-03

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फ़ातिहा - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | fatiha - maansarovar 7 - munshi premchand

सरकारी अनाथालय से निकलकर मैं सीधा फौज में भर्ती किया गया। मेरा शरीर हृष्ट-पुष्ट और बलिष्ठ था। साधारण मनुष्यों की अपेक्षा मेरे हाथ-पैर कहीं लम्बे और स्नायुयुक्त थे। मेरी लम्बाई पूरी छह फुट

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मुंशी प्रेमचंद

2023-06-11

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जिहाद - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | jihaad - maansarovar 7 - munshi premchand

बहुत पुरानी बात है। हिंदुओं का एक काफ़िला अपने धर्म की रक्षा के लिए पश्चिमोत्तर के पर्वत-प्रदेश से भागा चला आ रहा था। मुद्दतों से उस प्रांत में हिंदू और मुसलमान साथ-साथ रहते

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मुंशी प्रेमचंद

2023-06-11

कहानी

शंखनाद - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | shankhnaad - maansarovar 7 - munshi premchand

भानु चौधरी अपने गाँव के मुखिया थे। गाँव में उनका बड़ा मान था। दारोगा जी उन्हें टाट बिना जमीन पर न बैठने देते। मुखिया साहब की ऐसी धाक बँधी हुई थी कि उनकी मरजी बिना गाँव में एक पत्ता भी नहीं

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मुंशी प्रेमचंद

2023-06-10

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पंच परमेश्वर - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | panch parmeshwar - maansarovar 7 - munshi premchand

जुम्मन शेख अलगू चौधरी में गाढ़ी मित्रता थी। साझे में खेती होती थी। कुछ लेन-देन में भी साझा था। एक को दूसरे पर अटल विश्वास था। जुम्मन जब हज करने गये थे, तब अपना घर अलगू को सौंप गये थे, और

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मुंशी प्रेमचंद

2023-06-10

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दुर्गा का मंदिर - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | durga ka mandir - maansarovar 7 - munshi premchand

बाबू ब्रजनाथ कानून पढ़ने में मग्न थे, और उनके दोनों बच्चे लड़ाई करने में। श्यामा चिल्लाती, कि मुन्नू मेरी गुड़िया नहीं देता। मुन्नू रोता था कि श्यामा ने मेरी मिठाई खा ली। ब्रजनाथ ने क्रुद्ध हो

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मुंशी प्रेमचंद

2023-06-09

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आत्माराम - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | aatmaram - maansarovar 7 - munshi premchand

वेदों-ग्राम में महादेव सोनार एक सुविख्यात आदमी था। वह अपने सायबान में प्रात से संध्या तक अँगीठी के सामने बैठा हुआ खटखट किया करता था। यह ध्वनि लगातार सुनने के लोग इतने अभ्यस्त हो गये थे कि

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मुंशी प्रेमचंद

2023-06-09

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बड़े घर की बेटी - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | barey ghar ki beti - maansarovar 7 - munshi premchand

बेनीमाधव सिंह गौरीपुर गाँव के जमींदार और नम्बरदार थे। उनके पितामह किसी समय बड़े धन-धान्य संपन्न थे। गाँव का पक्का तालाब और मंदिर जिनकी अब मरम्मत भी मुश्किल थी, उन्हीं के कीर्ति-स्तंभ थे। कहते

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मुंशी प्रेमचंद

2023-06-08

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बैंक का दिवाला - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | bank ka diwala - maansarovar 7 - munshi premchand

लखनऊ नेशनल बैंक के दफ्तर में लाला साईंदास आरामकुर्सी पर लेटे हुए शेयरों का भाव देख रहे थे और सोच रहे थे कि इस बार हिस्सेदारों को मुनाफा कहाँ से दिया जायगा। चाय, कोयला या जूट के हिस्से खरीदने

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मुंशी प्रेमचंद

2023-06-08

कहानी

मैकू - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | maiku - maansarovar 7 - munshi premchand

कादिर और मैकू ताड़ीखाने के सामने पहुँचे, तो वहाँ कांग्रेस के वालंटियर झंडा लिये खड़े नजर आये। दरवाजे के इधर-उधर हजारों दर्शक खड़े थे। शाम का वक्त था। इस वक्त गली में पियक्कड़ों के सिवा और

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मुंशी प्रेमचंद

2023-05-23

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पत्नी से पति - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | patni se pati - maansarovar 7 - munshi premchand

मिस्टर सेठ को सभी हिन्दुस्तानी चीजों से नफरत थी और उनकी सुन्दरी पत्नी गोदावरी को सभी विदेशी चीजों से चिढ़! मगर धैर्य और विनय भारत की देवियों का आभूषण है। गोदावरी दिल पर हजार जब्र करके

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मुंशी प्रेमचंद

2023-05-22

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जुलूस - मानसरोवर 7 - मुंशी प्रेमचंद | juloos - maansarovar 7 - munshi premchand

पूर्ण स्वराज का जुलूस निकल रहा था। कुछ युवक, कुछ बूढ़े, कुछ बालक झंडियाँ और झंडे लिये वंदेमातरम् गाते हुए माल के सामने से निकले। दोनों तरफ दर्शकों की दीवारें खड़ी थीं, मानो उन्हें इस लक्ष्य से कोई

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मुंशी प्रेमचंद

2023-05-22

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मेंढक और चूहे की कहानी | mendhak aur chuhe ki kahani

बहुत समय पहले की बात है, किसी घने जंगल में एक छोटा-सा जलाशय था। उसमें एक मेंढक रहा करता था। उसे एक दोस्त की तलाश थी। एक दिन उसी जलाशय के पास के एक

आकाश आकाश

आकाश

2023-05-20

कहानी

लालची कुत्ते की कहानी | lalchi kutte ki kahani

एक गांव में एक लालची कुत्ता रहता था। वह गांव में घूम-घूमकर खाने की तलाश करता था। वह इतना लालची था कि उसे जितना भी खाने के लिए मिलता था, उसे कम ही लगता था।

आकाश आकाश

आकाश

2023-05-20

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लकड़हारा और लोमड़ी | lakadhara aur lomdi

एक लोमड़ी के पीछे शिकारी पड़े थे। लोमड़ी भागते-भागते एक लकड़हारे के पास पहुँची और उससे शरण माँगने लगी। लकड़हारे ने अपनी झोपड़ी की ओर इशारा करते हुए लोमड़ी से

आकाश आकाश

आकाश

2023-05-19

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लड़ने वाले मुर्गे और बाज | ladne vale murge aur baaj

कुछ समय पहले की बात है। दो मुर्गे एक कूड़े के ढेर पर लड़ रहे थे । दोनों पूरी शक्ति से एक-दूसरे पर आक्रमण कर रहे थे। लड़ाई में जीतने वाला ही उस ढेर का राजा

आकाश आकाश

आकाश

2023-05-19

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कुत्ता चला विदेश | kutta chala videsh

एक नगर में चित्रांगन नामक एक होशियार कुत्ता रहता था। एक साल उस नगर में भयानक अकाल पड़ा। चित्रांगन को खाने के लाले पड़ गए। परेशान होकर वह कहीं दूर के नगर में

आकाश आकाश

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2023-05-17

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किसान और लोमड़ी | kisan aur lomdi

एक लोमड़ी थी, जो एक किसान को बहुत परेशान किया करती थी। वह किसान के मुर्गीबाड़े में घुसकर हमेशा उसके मुर्गे-मुर्गियाँ खा जाया करती थी। किसान उस लोमड़ी से बहुत तंग

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आकाश

2023-05-17

कहानी

खट्टे अंगूर | khatte angoor

किसी वन में एक भूखी लोमड़ी खाने की तलाश में इधर-उधर भटक रही थी। बहुत दिनों से भूखी होने के कारण उसको भोजन की बहुत जरूरत थी। वह इधर-उधर भटकते हुए वन

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2023-05-15

कहानी

केकड़ा और उसकी माँ | kekda aur uski maa

एक दिन केकड़े की माँ उसे लेकर समुद्र तट पर घूमने गई। जब वे चल रहे थे, तो माँ ने कहा, “अरे, बेटा, तुम चलते समय अपने पैर अंदर की ओर क्यों मोड़ लेते हो?” केकड़े

आकाश आकाश

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2023-05-15

कहानी

कपटी बाज | kapti baj

एक बाज एक पेड़ की डाली पर अपना घोंसला बनाकर अपने बच्चों के साथ रहता था। उसी पेड़ की खोह में एक लोमड़ी भी अपने बच्चों के साथ रहती थी। एक दिन, जब लोमड़ी अपनी खोह

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2023-05-14

कहानी

कौआ चला मोर बनने | koaa chala mor banne

एक कौए ने बहुत सारे मोर पंख इकट्ठे किए और उन्हें अपने तन पर लगा लिया। उसे अपना नया रूप बहुत अच्छा लगा और उसने निश्चय किया कि अब वह कौओं के साथ नहीं,बल्कि

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2023-05-14

कहानी

कछुए ने बचाई अपनी जान | kachhue ne bachi apni jaan

एक राजा ने अपने छोटे उस तालाब में कुछ बच्चों के लिए एक तालाब बनवाया। उसने अपने सिपाहियों से मछलियाँ डालने को भी कह दिया। संयोग से उन मछलियों के साथ एक

आकाश आकाश

आकाश

2023-05-13

कहानी

झूठा दोस्त | jhutha dost

एक हिरन और एक कौआ पक्के दोस्त थे। एक दिन कौए ने हिरण को एक सियार के साथ देखा। सियार बहुत चालाक जानवर माना जाता है। कौए ने अपने दोस्त हिरन को समझाया कि सियार पर

आकाश आकाश

आकाश

2023-05-13
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