बंदर और ऊंट | Bandar aur unt by विकास

बंदर और ऊंट | Bandar aur unt

बंदर और ऊँट

कई साल पहले, जंगल से सारे जानवर अपने-अपने अभिनय और नाच-गाने कि प्रतिभा दिखाने के लिए एकत्र हुए। जब सारे जानवर आ गए, तो बंदर से नाचने को कहा गया। बंदर तो उछल-कूद और कलाबाजियों में माहिर था ही। उसने अपने नाच से सबका मनोरंजन किया।

सभी लोगों ने बहुत सराहना की और बंदर को सभी ने बहुत अच्छा नर्तक मान लिया। ऊँट से बंदर की सराहना सहन नहीं हुई और उसने भी नाचना शुरु कर दिया। उसका नाच बिल्कुल बेतुका और बेढंगा था। उसका नाच किसी को भी पसंद नहीं आया और सबने उसकी बुराई की। उसने ईर्ष्या से भरकर नाच किया था, इसिलए उसे दंड के रूप में जंगल से निकाल दिया गया।

अगर तुम अपनी बाँह से अधिक अपना हाथ पसारोगे, तो तुम्हें हानि ही होगी।