
भारत सरकार ग्रॉक एआई पर गुस्सा है। Indian Government is Angree at GROK AI ।।
ग्रॉक, यह नाम, यह शब्द आज के समय आपने हर जगह सुना होगा कि ग्रॉक ने यह बोल दिया, ग्रॉक की वजह से यह विवाद हो गया, ईलॉन मस्क अचंभित हैं, भारत सरकार अचंभित है और यहां पर आप देख पाओगे लेखों में यह प्रकाशित किया जा रहा है “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गॉन वाइल्ड”। बिल्कुल आज के समय ग्रॉक एक ऐसा एआई बन गया है, जो नियंत्रण से बाहर है। भारत सरकार जांच कर रही है कि ग्रॉक किस तरीके से अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहा है। सोशल मीडिया पर जिससे हमारे नवयुवक को भी ऐसी भाषा सीखने को मिलेगी। यह स्पष्टतः बहुत ज्यादा खराब है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिना किसी कंट्रोल के, बिना किसी निस्पंदन (फिल्ट्रेशन) के गंदी भाषा का इस्तेमाल करना प्रारंभ कर दे।
आप देख पाओगे आईटी मंत्रालय जांच कर रही है कि ग्रॉक किस तरीके से हिंदी दुर्वचन गालियां वगैरह, यह सब इस्तेमाल कर रहा है। अब, आपके दिमाग में कई सवाल आ रहे होंगे कि भाई मगर यह ग्रॉक है क्या? यह तो समझाओ। और यह गालियां क्यों निकाल रहा है और इतना ज्यादा विवाद में क्यों आ गया था? मैं साधारण भाषा में आपको समझाता हूं। आप सबको याद होगा आज से कुछ साल पहले Twitter के नाम से एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म हुआ करता था। इस सोशल मीडिया प्लेटफार्म को ईलॉन मस्क ने खरीद लिया। और फिर Twitter का नाम बदलकर इसको X.com बना दिया। तब से, अगर आप देखो X.com पर, ईलॉन मस्क का यह कहना है कि मैं सबको आजादी दूंगा। जो बोलना है बोलो, बिना निस्पंदन (फिल्ट्रेशन), बिना सेंसरशिप, तुमको कोई कंट्रोल नहीं करेगा। आरंभ में, सबको सुनने में अच्छा लगा। मगर बाद में पता लगा कि जिस तरीके से अमेरिकनस, यूरोपियंस जातिवादी बातें करना शुरू कर देते हैं, जब इन पर कोई अंकुश ना लगाया जाए। यह देखकर कई लोग शॉक्ड थे कि X.com जो आज के समय है यह क्या बन चुका है। ईलॉन मस्क का यह मानना था कि यहां पर बिल्कुल कंप्लीट फ्रीडम होनी चाहिए। जो बोलना है बोलो और तो और ईलॉन मस्क ने अपने नए खरीदे हुए प्लेटफार्म पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी जोड़ दिया। जिस तरीके से चैट जीपीटी एक्सिस्ट करता है। ईलॉन मस्क ने यह सोचा, मैं बनाऊंगा ग्रॉक, और फिर ग्रॉक बनके तैयार हो गया।
यह चैट जीपीटी की तरह ही एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है। जिस तरीके से चैट जीपीटी से आप सवाल पूछ सकते हैं कि सुनीता विलियम्स कौन हैं? और चैट जीपीटी आपको पूरी जानकारी दे देगा कि यूएस नेवी ऑफिसर थीं और बाद में नासा के अंडर एस्ट्रोनॉट बनी है। सारी जानकारी आपको मिल जाएगी। वही चीज यहां पर होती है। आप यहां पर कुछ भी पूछ सकते हैं कि सुनीता विलियम्स कौन हैं या फिर आईपीएल 2024 किसने जीता? यहां पर आपको सारी जानकारी मिल जाएगी। यहां तक तो सब कुछ ठीक लग रहा है। मगर ईलॉन मस्क ग्रॉक को लगातार विकसित कर रहे हैं, ग्रॉक वन, ग्रॉक टू, ग्रॉक थ्री चल रहा है। आज के समय इसका बीटा वर्जन चल रहा है। ईलॉन मस्क ने हालही में क्या किया कि जो भी व्यक्ति अगर x.com इस्तेमाल कर रहा है तो वो ग्रॉक से सीधे सवाल पूछ सकता है। और याद रखिएगा ग्रॉक अनफिल्टर्ड है और यह हिंदी में भी जवाब देगा। अगर यहां पर मैं इससे कुछ सवाल पूछ लेता हूं कि ग्रॉक आज का दिन कैसा जाएगा, तो वस्तुतः यहां पर ग्रॉक मुझको हिंदी में जवाब देना स्टार्ट कर देगा “आप हिंदी में पूछ रहे हैं कि आज का दिन कैसा जाएगा, मैं भविष्यवाणी तो नहीं कर सकता” वगैरह।
अब, आप समझ लीजिए जब लोगों ने देखा, अरे, ग्रॉक तो हिंदी में भी बात करता है कई लोगों ने फिर यह टेस्ट करना प्रारंभ कर दिया कि अच्छा “ग्रॉक मुझको यह बताइए कि सबसे ज्यादा बायस कौन है”। कई लोगों ने यह पूछना शुरू कर दिया कि “x.com पर सबसे ज्यादा दुष्प्रचार कौन करता है”। तो कई बार तो ग्रॉक ने खुद ही नाम ले लिया ईलॉन मस्क खुद है। मैं दिलचस्पी से देख रहा था कि कई लोगों ने ग्रॉक से प्रशांत धवन के बारे में भी सवाल पूछा। उदाहरण के लिए दिखा रहा हूं मैं x.com पर ऐसे ही सर्च कर रहा था किसी ने यह लिखा हुआ था डियर ग्रॉक क्या प्रशांत धवन अपनी YouTube वीडियोस में तटस्थ हैं? ग्रॉक ने बोला कि नहीं प्रशांत धवन अपनी YouTube वीडियोस में पूरी तरह तटस्थ नहीं हैं। कुछ दर्शकों को लगता है कि वे उनके कंटेंट में पाकिस्तान और चीन के खिलाफ पक्षपाती हैं। जबकि दूसरे उनके तथ्यात्मक दृष्टिकोण को पसंद करते हैं। अधिकतर दर्शकों के विचार वास्तव में बंटे हुए हैं, कुछ के लिए जानकारीपूर्ण, कुछ के लिए एक तरफा यह तटस्थता का मुद्दा जियोपॉलिटिक्स पर काफी जटिलता दिखाता है और ज्यादातर आप देखोगे ग्रोक ने यही बोला है। कई लोग ग्रॉक से बार-बार पूछे ही जा रहे हैं कि प्रशांत धवन क्या पक्षपाती हैं? ग्रॉक ने अंत में थक हार कर यही बोल दिया कि देखिए किसी राजनीतिक पार्टी के प्रति वो पक्षपाती नहीं हैं। हां, देशभक्ति सामग्री बनाते हैं। जो देश प्रेमी लोगों को पसंद आता है, हमारा प्यारा भारत बोलना वो पसंद करते हैं।
मगर मैंने यह उदाहरण देकर यहां पर आपको यह समझाने की कोशिश की है कि अचानक से ग्रॉक एआई का इस्तेमाल लोगों ने कैसे करना प्रारंभ कर दिया। लोग राजनीति में कूद गए और यह मुझे दुर्भाग्य लगता है। देश में राइट विंग लेफ्ट विंग इतना ज्यादा हो चुका है कि हर चीज में राइट विंग लेफ्ट विंग, मतलब हर आदमी को ना किसी को मध्यमार्गी कि मैं न्यूट्रल हूं। यह अलऊ ही नहीं करते हर आदमी को बांट ही देते हैं। नहीं, ये राइट विंग का ही है। नहीं, ये लेफ्ट विंग का ही है। और ग्रॉक के साथ भी यही हुआ। इंडियंस कूद पड़े कि बताओ जी कौन सा यूजर पक्षपाती है, कौन सा यूजर तटस्थ है। इसको लेकर X.com पर खूब धमासान हुआ। और फिर कई यूज़र्स ने ग्रॉक का इस्तेमाल करना स्टार्ट कर दिया।
गंदी भाषा बोलने में, ग्रॉक से अगर आप अभद्र भाषा में कुछ पूछो वो अभद्र भाषा में जवाब दे रहा है। गाली गलौच वाले आंसर आ रहे हैं। अचानक X.com जो व्यक्तिगत रूप से मैं बिल्कुल पसंद नहीं करता, जस्ट सच एन अगली प्लेटफार्म। पहली बात तो वहां पर भारतियों के विरूद्ध जातिवाद होता था। फिर अब हम यह देख रहे हैं कि खुले रूप से राजनीतिक लोग एक दूसरे के विरूद्ध गाली गलौच कर रहे हैं, जस्ट अगली सीन्स आल टुगेदर। और इसलिए आईटी मंत्री को भी जांच करना पड़ा। मैं वो गाली गलौच आपको नहीं दिखाना चाहता। जो मतलब माताओं-बहनों पर जिस तरीके से गालियों का इस्तेमाल किया जाता है। मैं चाहता नहीं हूं कि वो मैं आपको दिखाऊं। लेकिन देख कर काफी दुख लगता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जिसका काम मानवता के कल्याण के लिए, लोगों को एजुकेट करने के लिए, बेहतर कंटेंट बनाने के लिए होना चाहिए। उसको अगर अगर हम बिना फिल्टर के इस्तेमाल करें, इसलिए देखो कहीं ना कहीं मैं यह कहूंगा कुछ ना कुछ सेंसरशिप चाहिए होती है। नहीं तो आप अगर समाज में सभी चीजों की अनुमति दोगे तो चीजें नियंत्रण के बाहर हो जाएंगी। x.com एक साफ पिक्चर दिखाती है कि एक ऐसा समाज जिसमें लाज़ नहीं है, कहीं ना कहीं कुछ बाध्यता नहीं है, वहां पर फिर क्या होगा।
मगर आप एआई के बारे में ईलॉन मस्क से अगर पूछो तो वह तो कहते हैं एआई का इस्तेमाल और बढ़ाओ। हालही में, ईलॉन मस्क ने यह तक कह दिया था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को यूएस की सरकार चलानी चाहिए। राष्ट्रपति एक मानव हो बाकी आपको सरकारी नौकरियों की आवश्यकता क्या है? सारा काम एआई देख लेगी, जो भी अप्रूवल देने होंगे वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के थ्रू हो जाएंगे। आपका भ्रष्टाचार नहीं होगा। मगर इससे परेशानी यही आती है कि एआई को कंट्रोल कौन करेगा? कहीं ना कहीं तो मानव होंगे ही। कहीं ना कहीं तो एआई को कोई चलाया करेगा। जो भी एआई का डाटा जहां से आ रहा है, वो कहां से लिया जा रहा है, एआई क्या सोच डेवलप करेगा, वो तो कोई ना कोई कंट्रोल करेगा। या तो दुनिया के सामने सब कुछ ओपन सोर्स हो, लोग खुद चेक कर पाए कि जो एआई है यह आखिर डाटा अपना उठाता कहां से है। तो ईलॉन मस्क तो यह मानते हैं कि मुझे रोको मत। भविष्य में एआई यूएस की सरकार चला सकता है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह बहुत ही खराब आईडिया होगा। यहां इससे मतलब कुल मिलाकर मानव का विनाश ही होगा। लेकिन यहां पर मैं आप लोगों से पूछना चाहूंगा कि हालही में जो ग्रॉक में देखने को मिला कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अगर बिना किसी फिल्टर के, बिना किसी अंकुश के छोड़ दो तो गाली गलौच वाला वातावरण फैल जाएगा। राजनीतिक कौन राइट विंग, कौन लेफ्ट विंग, कौन मेरे से सहमत है, कौन मुझसे असहमत है, इसको लेकर खूब हंगामा होगा। लेकिन उसी समय जब आप एआई को विनियमित करते हो। फिर सवाल आता है कि विनियमित कौन कर रहा है? कितना कर रहा है? किस हद तक कर रहा है? क्योंकि एआई का जो प्रयोग है वो तो हर तरफ हम देख रहे हैं, बढ़ता ही जा रहा है। और मैं आपको गारंटी देके कह रहा हूं ईलॉन मस्क जैसे प्रभावशाली लोग अपने जीवन काल में यूएस की सरकार का 70 से 80% काम एआई से निकलवा कर रखेंगे। अगर ईलॉन मस्क को कुछ हो गया वो अलग बात है। लेकिन ये अगर जिंदा रहते हैं, आराम से 20-25 साल और जीते हैं, यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को यूएस की सरकार में अच्छे से डाल देंगे। बहुत सारे सरकारी कर्मचारियों की नौकरी खा जाएंगे। और कहेंगे कि यूएस गवर्नमेंट चलाएगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।