आड़ू और सेब | Aadu aur seb by विकास

आड़ू और सेब | Aadu aur seb

आड़ू और सेब

एक बगीचे में एक आड़ू और एक सेब आपस में बहस कर रहे थे। दोनों अपने आपको अधिक सुंदर बता रहे थे। दोनों अपनी बात पर अड़े थे। उन्होने निर्णय के लिए खुली बहस करने का दिन तय किया। दोनों फलों के बीच तीखी बहस होने लगी।
बगीचे के सारे फल उनकी बातें सुन रहे थे। तभी पास की झाड़ी से एक काली बेरी ने अपना सिर उठाया और चिल्लाकर बोली- “तुम लोगो की बहस बहुत हो चुकी है। हमें नहीं लगता कि तुम लोगों का फैसला हो पाएगा। इस बहस से कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। अपने मतभेद भुलाकर हाथ मिलाओ और फिर से दोस्त बन जाओ। शांति से रहने का यही एक तरीका है। ”

ऊँचे स्वर में झगड़ने से कोई लाभ नहीं होता।