।। श्री शारदा माँ की आरती ।।
भुवन विराजी शारदा, महिमा अपरम्पार ।
भक्तों के कल्याण को, धरो मात अवतार ॥
मैया शारदा तोरे दरबार, आरती नित गाऊँ ।
नित गाऊँ मैया नित गाऊँ ।। (मैया शारदा………)
श्रद्धा को दीया प्रीत की बाती, असुअन तेल चढ़ाऊँ ।
दरश तोरे पाऊँ ।। (मैया शारदा………)
मन की माला आँख के मोती, भाव के फूल चढ़ाऊँ ।
दरश तोरे पाऊँ ।। (मैया शारदा………)
बल को भोग स्वांस दिन राती, कंधे से विनय सुनाऊँ ।
दरश तोरे पाऊँ ।। (मैया शारदा………)
तप को हार कर्ण को टीका, ध्यान की ध्वजा चढ़ाऊँ।
दरश तोरे पाऊँ ।। (मैया शारदा………)
माँ के भजन साधु सन्तन को, आरती रोज सुनाऊँ।
दरश तोरे पाऊँ ।। (मैया शारदा………)
सुमर-सुमर माँ के जस गावें, चरनन शीश नवाऊँ।
दरश तोरे पाऊँ ।। (मैया शारदा………)
मैया शारदा तोरे दरबार
आरती नित गाऊँ।