माँ विन्ध्येश्वरी जी की आरती | Maa vindheshvari ji ki aarti by विकास

माँ विन्ध्येश्वरी जी की आरती | Maa vindheshvari ji ki aarti

।। माँ विन्ध्येश्वरी जी की आरती ।।

सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी, कोई तेरा पार न पाया ।
पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तरी भेंट चढ़ाया । (सुन…………)
सुवा चोली तेरे अंग विराजे, केसर तिलक लगाया । (सुन…………)
नंगे पग अकबर आया, सोने का छत्र चढ़ाया । (सुन…………)
उँचे पर्वत बन्यो देवालय, नीचे शहर बसाया । (सुन…………)
कलियुग, द्वाप,र त्रेता मध्ये, कलियुग राज सवाया । (सुन…………)
धूप दीप नैवेद्य आरती, मोहन भोग लगाया । (सुन…………)
ध्यानू भगत मैया तेरे गुण गाया, मनवांछित फल पाया । (सुन…………)

।। इति श्री विन्ध्येश्वरी मां आरती ।।