काली माँ की आरती | Kaali maa Ki Aarti by विकास

काली माँ की आरती | Kaali maa Ki Aarti

।। काली माँ की आरती ।।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।
पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेट करे ।।
सुन जगदम्बा न कर विलम्बा, संतन के भडांर भरे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे ।।

बुद्धि विधाता तू जग माता, मेरा कारज सिद्ध करे ।
चरण कमल का लिया आसरा, शरण तुम्हारी आन पड़े ।।
जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर, तब तब आप सहाय करे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे ।।

गुरु के वार सकल जग मोहयो, तरूणी रूप अनूप धरे ।
माता होकर पुत्र खिलावे, कही भार्या भोग करे ।।
शुक्र सुखदाई सदा सहाई, संत खडे जयकार करे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे ।।

ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये भेट तेरे द्वार खडे ।
अटल सिंहासन बैठी मोरी माता, सिर सोने का छत्र फिरे ।।
वार शनिचर कुमकुम बरणो, जब लुंकड़ पर हुकुम करे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे ।।

खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये, रक्त बीज को भस्म करे ।
शुम्भ निशुम्भ को क्षण मे मारे ,महिषासुर को पकड़ दले ।।
आदित वारी आदि भवानी, जन अपने का कष्ट हरे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे ।।

कुपित होकर दानव मारे, चण्डमुण्ड सब चूर करे ।
जब तुम देखो दया रूप हो, पल मे सकंट दूर करे ।।
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता, जन की अर्ज कबूल करे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे ।।

सात बार की महिमा बरनी, सब गुण कौन बखान करे ।
सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी, अटल भवन में राज्य करे ।।
दर्शन पावे मंगल गावे, सिद्ध साधन तेरी भेट धरे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे ।।

ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे, शिव शंकर हरी ध्यान धरे ।
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती, चंवर कुबे डुलाय रहे ।।
जय जनननी जय मातु भवानी, अटल भवन में राज्य करे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे ।।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।
पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेट करे ।।
सुन जगदम्बा न कर विलम्बा, संतन के भडांर भरे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे ।।