।। जगदम्बा मां की आरती ।।
आरती कीजै शैल – सुता की ।।
जगदम्बा की आरती कीजै,
सनेह-सुधा, सुख सुन्दर लीजै,
जीने नाम लेत दृग भीजै,
ऐसी वह माता वसुधा की ।।
आरती कीजै शैल – सुता की ।।
पाप विनाशनी, कलि-मल-हरिणी,
दयामयी भवसागर तारिणी,
शस्त्र धारिणी शैल- विहारिणी,
बुद्धि- राशि गणपति माता की ।।
आरती कीजै शैल – सुता की ।।
सिंहवाहिनी मातु भवानी,
गौरव- गान करें जग –प्राणी,
शिव के हृदयासन की रानी,
करें आरती मिल-जुल ताकी ।।
आरती कीजै शैल – सुता की ।।