बाबा बालक नाथ की आरती | Baba Balak Nath ki aarti by विकास

बाबा बालक नाथ की आरती | Baba Balak Nath ki aarti

।। बाबा बालक नाथ की आरती ।।

ॐ जय कलाधारी हरे,
स्वामी जय पौणाहारी हरे, भक्त जनों की नैया ।
दस जनों की नैया, भव से पार करे ।। (ॐ जय…………)

बालक उमर सुहानी, नाम बालक नाथा ।
अमर हुए शंकर से, सुन के अमर गाथा ।। (ॐ जय…………)

शीश पे बाल सुनैहरी, गले रुद्राक्षी माला ।
हाथ में झोली चिमटा, आसन मृगशाला ।। (ॐ जय…………)

सुंदर सेली सिंगी, वैरागन सोहे ।
गऊ पालक रखवालक, भगतन मन मोहे ।। (ॐ जय…………)

अंग भभूत रमाई, मूर्ति प्रभु रंगी ।
भय भज्जन दुःख नाशक, भरथरी के संगी ।। (ॐ जय…………)

रोट चढ़त रविवार को, फल, फूल मिश्री मेवा ।
धुप दीप कुदनुं से, आनंद सिद्ध देवा ।। (ॐ जय…………)

भक्तन हित अवतार लियो, प्रभु देख के कल्लू काला ।
दुष्ट दमन शत्रुहन, सबके प्रतिपाला ।। (ॐ जय…………)

श्री बालक नाथ जी की आरती, जो कोई नित गावे ।
कहते है सेवक तेरे, मन वाच्छित फल पावे ।। (ॐ जय…………)

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे ।
भक्त जनों की नैया, भव से पार करे,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

॥ इति श्री बाबा बालकनाथ की आरती ॥