चालीसा
हनुमान चालीसा | Hanuman chalisa
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुं लोक उजागर ।। रामदूत अतुलित बल धामा । अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ।। महावीर विक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ।।
तुलसीदास
बगलामुखी चालीसा | Baglamukhi chaleesa
जय जय जय श्री बगला माता । आदिशक्ति सब जग की त्राता ।। बगला सम तब आनन माता । एहि ते भयउ नाम विख्याता।। शशि ललाट कुण्डल छवि न्यारी । असतुति करहिं देव नर-
विकास
गणेश चालीसा | Ganesh chaleesa
जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण करण शुभः काजू । जै गजबदन सदन सुखदाता । विश्व विनायका बुद्धि विधाता।। वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना । तिलक त्रिपुण्ड भाल मन
गायत्री चालीसा | Gayatri chaleesa
भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी । गायत्री नित कलिमल दहनी ।। अक्षर चौविस परम पुनीता । इनमें बसें शास्त्र श्रुति गीता ।। शाश्वत सतोगुणी सत रूपा । सत्य सनातन
गोपाल चालीसा | Gopal chaleesa
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी । दुष्ट दलन लीला अवतारी ।।१।। जो कोई तुम्हरी लीला गावै । बिन श्रम सकल पदारथ पावै ।।२।। श्री वसुदेव देवकी माता । प्रकट भये संग
कुबेर चालीसा | Kuber chaleesa
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी । धन माया के तुम अधिकारी ॥ तप तेज पुंज निर्भय भय हारी । पवन वेग सम सम तनु बलधारी ॥ स्वर्ग द्वार की करें पहरेदारी । सेवक इंद्र देव
परिचय | Parichy
“चालीसा” शब्द “चालीस” से लिया गया है, जिसका अर्थ हिंदी में चालीस की संख्या है, क्योंकि हनुमान चालीसा में 40 छंद हैं (शुरुआत में और अंत में दोहे को छोड़कर)। हिंदू
राधा रानी चालीसा पाठ | Radha rani chaleesa paath
जय वृषभान कुँवारि श्री श्यामा । कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥ नित्य विहारिनि श्याम अधरा । अमित मोद मंगल दातारा ॥ रास विलासिनि रस विस्तारिनि । सहचरी
शनि देव चालीसा | Shanni dev chaleesa
जयति जयति शनिदेव दयाला । करत सदा भक्तन प्रतिपाला ।। चारि भुजा, तनु श्याम विराजै । माथे रतन मुकुट छवि छाजै ।। परम विशाल मनोहर भाला । टेढ़ी दृष्टि भृकुटि
शिव चालीसा | Shiva chaleesa
जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ।। भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के।। अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये
लक्ष्मी चालीसा | Lakshmi chaleesa
सिन्धु सुता मैं सुमिरौं तोही । ज्ञान, बुद्धि, विद्या दो मोही ।। तुम समान नहिं कोई उपकारी । सब विधि पुरबहु आस हमारी ।। जय जय जगत जननि जगदम्बा ।
श्री राम चालीसा | Shri Ram chaleesa
श्री रघुबीर भक्त हितकारी । सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ॥ निशि दिन ध्यान धरै जो कोई । ता सम भक्त और नहिं होई ॥ ध्यान धरे शिवजी मन माहीं । ब्रह्मा इन्द्र पार
सूर्य देव चालीसा | Surya dev chaleesa
जय सविता जय जयति दिवाकर! । सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर ॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर! । सविता हंस! सुनूर विभाकर ॥ विवस्वान! आदित्य! विकर्तन । मार्तण्ड
तुलसी चालीसा | Tulsi chaleesa
धन्य धन्य श्री तुलसी माता । महिमा अगम सदा श्रुति गाता ।। हरी के प्राणहु से तुम प्यारी । हरीहीं हेतु कीन्हो ताप भारी ।। जब प्रसन्न ह्वै दर्शन दीन्ह्यो ।
विन्ध्येश्वरी चालीसा | Vindheshwari chaleesa
जय जय जय विन्ध्याचल रानी । आदिशक्ति जगविदित भवानी ।। सिंहवाहिनी जै जगमाता । जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता।। कष्ट निवारण जै जगदेवी । जै जै सन्त