आरती
काली माँ की आरती | kaali maa ki aarti
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े । पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेट करे ।। सुन जगदम्बा न कर विलम्बा, संतन के भडांर भरे ।
विकास
श्री सत्यनाराण जी की आरती | shri satyanarayan ji ki aarti
जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा ।। (ॐ जय………) रतन जड़ित सिंहासन, अदभुत छवि राजे । नारद करत नीराजन, घंटा वन
श्री राम जी की आरती | shri ram ji ki aarti
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणम् । नव कंज लोचन, कंज मुख, कर कंज पद कंजारुणम् ।। कन्दर्प अगणित अमित छवि, नव नील नीरद सुन्दरम् । पट पीत मानहुं तड़ित
श्री कृष्ण जी की आरती | shri krishna ji ki aarti
ओम जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय श्री कृष्ण हरे । भक्तन के दुख सारे, पल में दूर करे ।। (ॐ जय ………) परमानंद मुरारी, मोहन गिरधारी । जय रास बिहारी, जय जय
श्री शारदा माँ की आरती | shri mharda maa ki aarti
भुवन विराजी शारदा, महिमा अपरम्पार । भक्तों के कल्याण को, धरो मात अवतार ॥ मैया शारदा तोरे दरबार, आरती नित गाऊँ । नित गाऊँ मैया नित गाऊँ ।। (मैया शारदा………)
राधा रानी की आरती | radha rani ki aarti
आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की । त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि । पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता
गौ माता - कामधेनू की आरती | gao mata - kaamdhenu ki aarti
आरती श्री गैय्या मैंय्या की, आरती हरनि विश्व धैय्या की ।। अर्थकाम सुद्धर्म प्रदायिनि, अविचल अमल मुक्तिपददायिनि, सुर मानव सौभाग्यविधायिनि, प्यारी पूज्य नंद
काली माता की आरती | kali mata ki aarti
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली । तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।। तेरे भक्त जनोंपे मैया, भीर पड़ी है भारी । दानव दल पर
पितर जी की आरती | pitar ji ki aarti
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी । शरण पड़यो हूँ थारी बाबा, शरण पड़यो हूँ थारी ।। (जय …………) आप ही रक्षक आप ही दाता, आप ही खेवनहारे । मैं मूरख हूँ कछु
ॐ जय जगदीश हरे - विष्णु भगवान की आरती | ohm jai jagdish hare - vishnu bhagvan ki aarti
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ (ॐ…………….) जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का । सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे
माँ अन्नपूर्णा की आरती | maa annpurna ki aarti
आरती देवी अन्नपूर्णा जी की, बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावै तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत
जगदम्बा मां की आरती | jagdamba maa ki aarti
आरती कीजै शैल – सुता की ।। जगदम्बा की आरती कीजै, सनेह-सुधा, सुख सुन्दर लीजै, जीने नाम लेत दृग भीजै, ऐसी वह माता वसुधा की ।। आरती कीजै शैल – सुता की ।।
हनुमान अष्टक | hanuman ashtak
बाल समय रवि भक्षि लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों । ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो । देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो । को नहीं जानत है जग में कपि
गायत्री मां की आरती | gayatri maa ki aarti
जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता । सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ।। (जय………) आदि शक्ति तुम अलख निरञ्जन, जग पालन कर्त्री । दुःख, शोक, भय, क्लेश, कलह दारिद्रय
गंगा मां की आरती | ganga maa ki aarti
हर हर गंगे, जय माँ गंगे, हर हर गंगे, जय माँ गंगे ।। ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता । जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ।। (ॐ जय…………) चंद्र सी जोत तुम्हारी,
गणेश जी की आरती | ganesh ji ki aarti
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ (जय गणेश…………) एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ (जय गणेश…………)
एकादशी की आरती | ekadashi ki aarti
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता । विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। (ॐ जय………) तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी । गण गौरव की देनी माता,
माँ वैष्णो देवी की आरती | maa vaishno devi ki aarti
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता । हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता ।। (जय……… ) शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी । गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी
श्री ब्रह्मा जी की आरती | shri brahma ji ki aarti
पितु मातु सहायक स्वामी सखा , तुम ही एक नाथ हमारे हो। जिनके कुछ और आधार नहीं , तिनके तुम ही रखवारे हो ।
भैरव जी की आरती | bhairav ji ki aarti
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा । जय काली और गौरा देवी कृत सेवा ।। (जय भैरव देवा………) तुम्ही पाप उद्धारक, दुःख सिंधु तारक । भक्तों के सुख कारक, विषन बपुधारक ।।
बाबा बालक नाथ की आरती | baba balak nath ki aarti
ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे, भक्त जनों की नैया । दस जनों की नैया, भव से पार करे ।। (ॐ जय…………)
सूर्य भगवान की आरती | surya bhagvan ki aarti
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान। जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा, धरत सब ही तव ध्यान।। (ॐ जय…………) सारथी अरुण हैं प्रभु तुम,
श्री खांटू श्याम जी की आरती | shri khatu shyaam ji ki aarti
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे ॥ (ॐ जय………) रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे । तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ॥
माँ सरस्वती जी की आरती | maa sarsvati ji ki aarti
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता । सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ।। (ॐ जय ………) चन्द्रबदनि पद्मासिनि, कृति मंगलकारी । सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेज धारी ।।
गणेश वंदना | ganesh vandana
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची, नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची । सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची, कंठी झलके माल मुकताफळांची ।। जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
आरती श्री रामायण जी की | aarti shri ramayan ji ki
आरती श्री रामायण जी की। कीरति कलित ललित सिय पी की ।। गावत ब्रहमादिक मुनि नारद । बाल्मीकि बिग्यान बिसारद ।। शुक सनकादिक शेष अरु शारद । बरनि पवनसुत कीरति नीकी ।।
शीतला माँ की आरती | sheetla maa ki aarti
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता । आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता ।। (ॐ जय………) रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भाता ।
संतोषी माँ की आरती | santoshi maa ki aarti
ॐ जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता । अपने सेवक जन को, सुख सम्पत्ति दाता ।। (ॐ जय…………)
माँ विन्ध्येश्वरी जी की आरती | maa vindheshvari ji ki aarti
जय जय जय श्री बगला माता । आदिशक्ति सब जग की त्राता ।। बगला सम तब आनन माता । एहि ते भयउ नाम विख्याता।। शशि ललाट कुण्डल छवि न्यारी ।
चामुंडा माँ की आरती | chamunda maa ki aarti
जय चामुंडा माता, मैया जय चामुंडा माता । शरण आए जो तेरे, सब कुछ पा जाता ।। चंड मुंड दो राक्षस, हुए हैं बलशाली । उनको तूने मारा, क्रोध द्रष्टि डाली ।। (जय…………)